उमस से भरी दोपहर में अचानक गला कुछ भारी सा होने लगा, सीने में अजीब सादर्द उठा, ठीक उमस से भरी दोपहर में अचानक गला कुछ भारी सा होने लगा, सीने में अजीब सादर्द उठ...
पुरुष और नारी से ही होती प्रकृति पूरी, दोनों से ही पूर्णता बिन किसी के अधूरी। पुरुष और नारी से ही होती प्रकृति पूरी, दोनों से ही पूर्णता बिन किसी के अधूरी।
मर भी गया तो मर भी गया तो
बेदख़ल मत किया करो बेदख़ल मत किया करो
कीमत को अपनी तुम जानो भाई यहाँ आने का मकसद पहचानो भाई कीमत को अपनी तुम जानो भाई यहाँ आने का मकसद पहचानो भाई
अपनी राहों में ख़ुशियाँ बिखेरते हुए अपनी राहों में ख़ुशियाँ बिखेरते हुए